मौसम में बदलाव का प्रतीक, आभास कराए वैसाखी त्यौहार। मौसम में बदलाव का प्रतीक, आभास कराए वैसाखी त्यौहार।
आशुतोष मंगल भवन,सादर नाऊँ शीश । वाम अंक गिरवर सुता,जय जय हे जगदीश आशुतोष मंगल भवन,सादर नाऊँ शीश । वाम अंक गिरवर सुता,जय जय हे जगदीश
बैसाखियों के सहारे चलें भी जाएं मंजिल तक लेकिन बैसाखियां कहाँ वरण कर पाती है अपने पैरों पर खड़... बैसाखियों के सहारे चलें भी जाएं मंजिल तक लेकिन बैसाखियां कहाँ वरण कर पाती है...
भाव बन्धुता समता करुणा खो सी गई है कहीं कुंठित मानसिकता बढ़ी निरंतर आज़ादी न रही। भाव बन्धुता समता करुणा खो सी गई है कहीं कुंठित मानसिकता बढ़ी निरंतर आज़ादी न रही।
आज मालूम पड़ रहा है दर्द किसी अपने को खोने का। आज मालूम पड़ रहा है दर्द किसी अपने को खोने का।
बैसाखी की खोज न कर गिरकर उठना भी है सफलता बैसाखी की खोज न कर गिरकर उठना भी है सफलता